काव्य धारा

क्या आपने कर दिया कमाल
आपके जीवन में
बिजली की चमक ने कर दियाजगको को उजाला,
बीवर ने बनाया बाँधसरोवर
में,
हंस ने पहचान लिया बुरी वारिको,
क्या आपने कर दिया कमाल आपके जीवन में
बगुला ने मौन से उड़ा लिया
मछली को,
चातक डटा रहा अपने अटल विश्वास पर,
जुगनूँ ने दिखा दिया झलक
अंधियारे में,
क्या आपने कर दिया कमाल
आपके जीवन में
दूर से ताड़ लिया चीलअपनीनिशानी
को,
चकोर ने जान लिया अपनी
मंजिल को,
ऊँट बिना सलील के चालीस
दिन जाये,
क्या आपने कर दिया कमाल
आपके जीवन में
मृग छुपाये कस्तूरीअपनी
नाभि में,
जोंक न छोड़ें साथी को उतनी
आसानी से,
सेमल ने दिखाया त्याग के पथको,
क्या आपने कर दिया कमाल
आपके जीवन में
कोयलकी आवाज़ ने फैलायेचारों
ओर मिठास,
गिरगिट बचाये अपने आपको वर्णो
से,
भ्रमर पिये मधुप को मर्यादा से,
मो. अब्दुल वहीद पाशा "शिक्षा रत्न"
जड पी एच एस बोम्मकल,
पेद्दावंगरा, महबूबाबाद
7569285986
-------------------------------------------------------------------------------------
No comments:
Post a Comment