Showing posts with label नारी बिन सब सून - रजनी शर्मा (काव्य धारा से). Show all posts
Showing posts with label नारी बिन सब सून - रजनी शर्मा (काव्य धारा से). Show all posts

Saturday, May 28

नारी बिन सब सून - रजनी शर्मा (काव्य धारा से)

काव्य धारा


नारी बिन सब सून

मेरे कदमों की रून झून से,
गीत ग़ज़लों की तरुन्नम से,
घुंघरू की छन-छन में,
हर क्षण गाती मुस्कुराती,
दिल बहलाती,
वो मैं ही तो हूँ।

तितलियों संग उड़ती,
मचलती, दौड़ती हुई,
गुड़िया से कब ??
स्त्री बन जाती,
कुल के वंश सृजन कर,
निर्मम वेदना को,
सह जाती ,
वो मैं ही तो हूँ।।

रसोईघर से भोजन के,
नव व्यंजन के थाल,
सजाती ....
सबका ख्याल रख,
तृप्त हो जाती,
वाह! स्वादिष्ट !!                                                      सुनना चाहती,
वो मैं ही तो हूँ।

हर बेला में, हर मेला में,
उत्सव की,
रंग बिरंगी खन- खन से,
वातावरण में प्रकृति की,
सुगंध महकाती,
वो मैं ही तो हूँ।

सात फेरों के,
वचन निभाकर,
मात -पिता के अँगना से,
अश्रू में भीगी , लिपटी सी,
ता - उम्र गुजारती,
वो मैं ही तो हूँ।

लगन की पराकाष्ठा से,
लक्ष्मी,किरण, बछेंद्री,                                            गुंजन, नायडू, दुर्गा ,                               
 जेटकिन, वेलेंटीना,रेखा,                                           सावित्री बन,                                                 यमराज से भी लड़ जाती,                       
वो मैं ही तो हूँ।

ना अधिक मंशा,
रखती,  ना कम ही,
आँकी जाऊँ, 
घर , बाहर,
समानता से सम्मान का,
दर्जा पाऊँ,
इसी आस में हर वर्ष,
महिला दिवस पर,
सम्मानित होने आती,
वो मैं ही तो हूँ।।


रजनी शर्मा 
अध्यापिका 
दिल्ली।
-------------------------------------------------------------------------------------
Call us on 9849250784
To join us,,,

प्रकृति - जुबेर हवालदार (Geeta Prakashan Bookswala's Anthology "ऑपरेशन सिंदूर की शौर्यगाथा")

    (Geeta Prakashan Bookswala's Anthology  " ऑपरेशन सिंदूर की शौर्यगाथा")             प्रकृति 💐..................💐 नदिया, त...