काव्य धारा

जीवन
जीवन है सुख-दुखो का सपनों का सार
सुख दुखों को जीतते हुए करना है साकार
दिन रात करते रहना हैं मन में सोच विचार
क्या गलत क्या सही इसका करना विचार
रास्ते में कितना भी संकट क्यों ना आए
तुम कभी भी दूसरों पर निर्भर ना रह पाए
सोच, स्वयं को बाहर लाने का उपाय
तभी टल जाएगा सारा संकट का समय
संकट का समय पता चलेगा हमें
कौन अपना कौन पराया जीवन में
तब महसूस करना अपने आप में
तुम्हारा शक्ति ही पर्याप्त है सब कुछ पाने में
सूरज चांद जैसे हो जीवन प्रकाश वान
हर पल रहना अपने कार्यों में प्रयत्न वान
रहो अपने ही बुद्धि बल पर निष्ठावान
अपने आप बनाएगा वही तुझे भाग्यवान
ओ मेरे छात्र, मन में दृढ़ विश्वास जगाओ
विजय की ओर मन ही मन दौड़ लगाओ
यही एकमात्र लक्ष्य अपना बनाओ
सपनों को साकार कर के दिखाओ
डॉ यम राज्य लक्ष्मी
हिंदी अध्यापिका
ऊकल हाई स्कूल
रायापरती मंडल
वारंगल
तेलंगाना
9885642642
-------------------------------------------------------------------------------------
No comments:
Post a Comment