काव्य धारा

जीवन की यात्रा
अविस्मरणीय इस जीवन की यात्रा में
क्यों? करते हो कल की चिंता तुम,
देखो! खूबसूरत, खुशियों की दुनिया,
हर पल सब हंसकर ,खुलकर जीलो।
देखो ! दो पल की जिंदगी हमारी ,
क्या है ? आज बचपन कल जवानी ,
हर रोज एक पन्ना जुड़ता रहता ,
घट जाती रहती सारी उम्र हमारी ।।
जीवन के सारे दुख दूर करो ,
मिलकर जीयो दोस्त और परिवार से ,
आंखों में बसालो उनकी यादों को,
दिल में छिपालो मुलाकातों को।।
खूबसूरत जिंदगी का यह रास्ता ,
जो आया है ,उसको जाना ही पड़ेगा,
आओ! प्यार से लिखते चले हमारी
इस जीवन की सुंदर हर कहानी ।।
सबके साथ चलते-चलते ,
जिंदगी का सफर यूं ही काटते चले,
मुश्किल आने पर भी रुकती नहीं जिंदगी ,
फूल और कांटों के साथ चलती रहेगी....
हमारी ""जीवन की यात्रा""
विश्वनाथ सरिता
टीजीटी हिंदी
समाज कल्याण आवासी पाठशाला,
नरमेट्टा,
जनगांव।
9966269950.
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