Wednesday, June 22

अम्मी तुझे सलाम! - समीउल्लाह खान (काव्य धारा)

काव्य धारा


अम्मी तुझे सलाम!


१.
भाषा कौनसी भी हो
अम्मा शब्द की मधुरता,
पत्नी के आते ही असंयमिता।
शादी करके एक सप्ताह ही हुआ,
बेटे ने मां को बे घर कर रखा।
फिर भी मां दुआ देती,
अल्लाह तुझे सलामत रखे बेटा!
    
२.
जब मैं ने तुझे अपने कोख में
नौ महीने संभाला,
छुटपन से मैं ने तुझे पाला-पोसा,
तेरे बीमारी में मेरी नींद हराम हुई,
आज मैं तुझे भारी बन गयी।
तू ने मुझे आज वृद्धाश्रम में फेंका।
फिर भी मां दुआ देती
अल्लाह तुझे सलामत रखे बेटा!

३.
कान खोल के सुन ले बेटा!
ईशदूत मुहम्मद साहब ने कहा-
" मां के पैरों के तले जन्नत है"
बेटा तू उनके उक्ति को चरितार्थ कर।
फिर भी मां दुआ देती
अल्लाह तुझे सलामत रखे बेटा!
आमीन!सुम्मा आमीन!!
  

समीउल्लाह खान
पी.जी.टी(हिंदी)
समाज कल्याण गुरुकुल पाठशाला 
नेलकोंडपल्ली 
खम्मं जिला, तेलंगाना राज्य।
70132 43207

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