(Geeta Prakashan Bookswala's Anthology "ऑपरेशन सिंदूर की शौर्यगाथा")
ना-पाक धरा की मिट्टी को शोडित से शीतल कर देंगे।
जन्मों तक गिन न पाओगे हम इतना पीतल भर देंगे।
भारत माता के शेर हम ,घर में घुसकर शीश उतरेंगे।
नस्लें भी थर थर कापेंगी,हम इतनी गोली मारेंगे।
भोले नाथ के हैं बेटे हम,घुट ज़हर की पी लेंगे।
और काश्मीर तो भूलो तुम,लाहौर-कराची भी छीनेंगे।
दुनिया को नए भारत का यशगान सुनाया है हमने
दुश्मन के घर में घुस कर ही जश्न मनाया है हमने
धर्म पूछ कर बहनों का सिन्दूर मिटाया था तुमने
उसी मिटे सिन्दूर को ही,बारूद बनाया है हमने
इन आतंकी ताकत पर भारत की खुद्दारी अड़ती है
यहाँ व्योमिका और सोफिया जैसी नारी लड़ती है
पहलगाम का बदला लेकर दुश्मन को ये बता दिया
चुटकी भर सिन्दूर की कीमत कितना भारी दिखा दिया|
शक्ति की उपासना का देश जहां,छोटी मनु।
कालिका सामान खुद को संवार लेती है।
पति स्वर्ग लोक को सिधारे किन्तु टूटी नहीं।
दर्द के उबार को स्वयं मार लेती है।
झलकारी,काशमयी,सुंदर सूत साथ लेके,
फैसला वो युद्ध हेतु आर-पार कर लेती है।
रानी मर्दानी लक्ष्मीबाई मातृभूमि हेतु,
चूड़ियां उतार तलवार धार लेती है।
जिसको पिलाया दूध,उसका ही लहू देख,
लोरियों की बद्दुआ का शूल गड़ जाता है।
पापा तुम पर है गर्व आंसुओं में बोल,
बेटियों का भी बचपना झगड़ जाता है।
भाइयों को खोकर के, राखियां भी मौत वाला,
फंदा बन शत्रु के गले में पड़ जाता है।
हाथ मेहंदी रचाएं अंतिम सलामी देकर,
सरहद पर कहीं सिन्दूर लड़ जाता है।
सोई शौर्य की जो जीवित कहानी जाग जाएगी तो,
धर्म सनातन की भगवा रवानी जाग जाएगी।
भारत की लाज से खेलेगा अगर कोई फिर,
कलम में छत्रपति की भवानी जाग जाएगी।
कुछ बात है हमारी मिट्टी में यहाँ की
हमारी जड़े कभी आंसुओं से नम नहीं होती हैं
यहाँ बलिदानियों के चिताओं पर मातम नहीं होते
सर झुकने वाले पैदा नहीं होते, और,
सर काटने वाले कभी कम नहीं होते हैं|
जय हिन्द !!
💐💐💐💐💐💐
© रामजी सिंह
विद्यार्थी
बी.एस.सी. (एच.डी.एस.)– द्वितीय वर्ष
भवन्स विवेकानंद महाविद्यालय
विज्ञान, मानविकी और वाणिज्य
सैनिकपुरी, सिकंदराबाद
91134 71796
----------------------------------------------------------
------------------------------------------------------------------------------
GEETA PRAKASHAN
Please call us 62818 22363
No comments:
Post a Comment