Wednesday, June 18

प्रकृति - जुबेर हवालदार (Geeta Prakashan Bookswala's Anthology "ऑपरेशन सिंदूर की शौर्यगाथा")

  (Geeta Prakashan Bookswala's Anthology "ऑपरेशन सिंदूर की शौर्यगाथा")




         प्रकृति

💐..................💐


नदिया, तालाब, नहर, बांधों को

मिलकर स्वच्छ बनाओ तुम ।

जल और वायु है प्राणधारा तुम्हारे 

इन्हें प्रदूषण मुक्त बना तुम । 

पेड़ लगाओ तुम, प्रकृति बचाओ तुम ।


धरोहर है जो तुम्हारी नस्लों की

उस पर्यावरण को बचाओ तुम। 

पेड़ पौधे हैं जिनके बच्चे 

उस प्रकृति की पुकार सुनो तुम ।

पेड़ लगाओ तुम, प्रकृति बचाओ तुम ।


जिसके होने से होती है वर्षा, 

उन्हें काटकर स्वार्थी मत बनो तुम।

रक्षक हैं जैसे वीर सैनिक तुम्हारे, 

उस तरह के रक्षक प्रकृति के बनो तुम।

पेड़ लगाओ तुम, प्रकृति बचाओ तुम ।

       

💐💐💐💐💐💐

© जुबेर हवालदार

लेखक

हीरेमठ गल्ली ओल्ड टाउन भालकी - 585328

8971830349

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Tuesday, June 17

भारत माँ से वादा - हबीब शिवानी (Geeta Prakashan Bookswala's Anthology "ऑपरेशन सिंदूर की शौर्यगाथा")

  (Geeta Prakashan Bookswala's Anthology "ऑपरेशन सिंदूर की शौर्यगाथा")




      भारत माँ से वादा

💐...........................💐


माँ वादा है तुमसे, जो हम निभाएंगे |

तेरी सुरक्षा में , जान हम लुटाएंगे |

तेरे लिए सारे कष्ट सह जाएंगे |

तेरे ही चरणों में माथा झुकाएंगे |

सिंदूर तेरे माथे का हम मिटने नही देंगे|

शीश हिमालय का कभी  झुकने नही देंगे |

अब आतंकियों को हिन्द में उपजने नहीं देंगे

हे भारत की भूमि तुझे खो ने नहीं देंगे


सौगंध तेरी मिट्टी की, कभी आँच नहीं आएगी 

ना आन कभी जाएगी , ना शान कभी जाएगी

दुश्मन की हर कोशिश नाकाम हो जाएगी !

हर युद्ध में उनकी बस  हार होती जाएगी !

सब संकट के पहाड़ पहले हमसे टकराएंगे

टकरा कर के वो भी चकनाचूर हो जाएंगे

निज को मिटाके हम, देश को बचाएंगे

शत्रु  को हरा के,  हम जश्न मनाएंगे

शांति की रक्षा हेतु क्रांति को जगा देंगे |

सुकुमारों को  पल भर में शूरमा बना देंगे |

पाक का नाम हम धरा से मिटा देंगें !

शौर्य – पराक्रम अपना विश्व को दिखा देंगें !

      

💐💐💐💐💐💐

© हबीब शिवानी

शिक्षिका

मेलुहा अंतरराष्ट्रीय विद्यालय,  गंडी मईसम्मा

हैदराबाद

7416637148

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पथिक - जयराम भारद्वाज (Geeta Prakashan Bookswala's Anthology "ऑपरेशन सिंदूर की शौर्यगाथा")

  (Geeta Prakashan Bookswala's Anthology "ऑपरेशन सिंदूर की शौर्यगाथा")






          पथिक

💐....................💐


मैं वही पथिक हूं।

जो अपने पथ से हो विचलित।

अपनी मंजिल छोड़ चले हैं।

जब शुरू किया हमने चलना ।

सब राहें तो अनजानी थी।

थे पथ सारे शूल भरे।

ना पग की कहीं निशानी थी।

राहों में काटें ही काटें।

सब फूलों की कुर्बानी थी।

थी राहें सारी धूल भरी। 

पर,पथ पर आगे निकल चले हैं।

हां, मैं वही पथिक हूं।

जो अपने पथ से हो विचलित।

अपनी मंजिल छोड़ चले हैं।।

कभी भूख लगी, कभी धूप लगी। 

कभी प्यासो ने झुलसाया था। 

हां, कभी कभी मेरे अपनो ने

मेरे दिल को बहुत दुखाया था। 

पर करु शिकायत किससे मैं 

जब अपने पर थी आन पड़ी।

सब करना था , बस अपने से।

अपनो का नहीं सहारा था।

थी राहें सारी धूल भरी। 

पर,पथ पर आगे निकल चले हैं।

हां, मैं वही पथिक हूं।

जो अपने पथ से हो विचलित।

अपनी मंजिल छोड़ चले है।।


कभी मिले सहज कुछ सहगामी।

पर उनसे भी तकरार हुई।

राहों में आगे जब निकले।

उनसे, न खुशी मेरी स्वीकार हुई।

ताने पर ताने दे मारे ।

तानों की हमने मार सही।

थी राहें सारी धूल भरी। 

पर,पथ पर आगे निकल चले हैं।

हां, मैं वही पथिक हूं।

जो अपने पथ से हो विचलित।

अपनी मंजिल छोड़ चले हैं।।

मंजिल का नहीं ठिकाना है। 

बस चलते ही चले जाना है। 

इन राहों में जो मिल जाए।

मंजिल, बस उसको ही अपनाना है।

जो हुए पराए अपने भी।

उनको भी गले लगाना है। 

ना ऊंच नीच का भेद भाव। 

बस ये सबको समझना है।

है यही कार्य पथिक का 'जय'

है यही कहानी सूझ भरी। 

बस यही कार्य समझने को,

पथ पर आगे निकल चले हैं।

हां, मैं वही पथिक हूं।

जो अपने पथ से हो विचलित।

अपनी मंजिल छोड़ चले है।। 

       

💐💐💐💐💐💐

© जयराम भारद्वाज

ग्राम - लकुरा, पोस्ट -  मधुबन 

जिला - मऊ, उत्तर प्रदेश

संपर्क सं. 9889835198

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Friday, June 13

జయహో జయహో - యుగంధర్ జనగాని (Geeta Prakashan Bookswala's Anthology "Operation Sindhur" in Editorialship of "Dr. Sabbani Laxminarayana"

 Geeta Prakashan Bookswala's Anthology "Operation Sindhur" in Editorialship of "Dr. Sabbani Laxminarayana")





      జయహో జయహో  
💐............................💐

ఘనత గల సైనికా వందనం

జయహో జయహో 

భరతమాత జనకా

జైత్రయాత్ర సైనికా వందనం

అదిగదిగో అదిగదిగో శత్రు మూకలు

శునక గతిన దారితప్పి దండిగాస్తూ

అధర్మపు దారిలో కాపుగాస్తూ

అదనుచూస్తూ విశ్వ వేదికన 

అబాసుపాలు చేయ 

కన్నుగప్పిన అహంకారాన

అహంభావపు సూత్రాన

దూర్తకాంక్షన ఆ కౌరవ సేనలు 

కలిసి కరుణెరుగని 

రీతి రివాజేలేని పద్దతిలో

సామ్రాజ్యకాంక్షన 

స్వార్థ చింతనా పరులైన 

ఆ దాయాదులు విషపు కూటమినేకమై

తలచి వలచి చుట్టుచేరిరి

ఆభాగ్యలను అమాకులను

మట్టు బెట్టగ దుష్టబుద్దిన

యుద్ధానికి కాలుదువ్వుతు

పాపపు పద్మవ్యూహం పన్నితే...


అరివీర భయంకరులై

అర్జునులై గర్జిస్తూ సకలవిధ ధళాలు

ఏకమై ఎత్తిన గాండీవం దించక

ఎత్తుడెత్తుడే ఎత్తి పడేసింది

కుటిల పన్నగాలన్ని పటాపంచలు చేస్తూ

పోటికి పోటిగా ధీటుగా జవాబునిస్తూ

శత్రువును గురిచూసి కొట్టింది

గుండెల్ని గుట్టుగ చేదించింది

నోరెత్తని రీతీలో సుతిమెత్తగ 

సుత్తితో మోదింది ముఖంలో

ఏ రక్తపు చుక్క కానరాకుండా

దిమ్మదిరిగే దెబ్బలతో తలబొప్పి కట్టిస్తే


అదిగదిగో దాయాది కుక్కలు

నీతి ఎరుగని ఆ ఉగ్రవాదిజాతి జనులు

నొప్పితో నోరెళ్లబెట్టి శాంతిని కోరుతు

కాళ్లబేరానికి వచ్చిండ్రూ.

ఈ భ్రహ్మోస్  దెబ్బ ఇంకెందరికో

కర్రుకాల్చి వాతబెట్టినట్లు

చెప్పకనే చెప్పింది 

కాచుకోండి పాకిస్తాన్ గుంటనక్కలార

తస్మాత్ జాగ్రత్త.. భారతీయ భ్రహ్మోస్

ఆకాశ్ ... సుదర్శనచక్ర.. నాగ్, 

అగ్ని క్షిపణుల పొదిలి మాది 

పొందికగా కూర్చోండి లేదంటే పేల్చేస్తం 

తూట్లు తూట్లుగ కాల్చేస్తం కమిరిస్తం...

కనబడటం లేదా ఇదో శాంతి కాముక 

మహా భరత ఖండం

బలె బలే భ్రమ్మోస్ జయహో 

జయహో  జేత్రయాత్ర జనక

మహా ఘనత గల సైనికా  వందనం

💐💐💐💐💐💐

© యుగంధర్ జనగాని                                                        

99486 12284

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మతం పిచ్చి వద్దు -మానవత్వం ముద్దు : డా. వాసరవేణి పర్శరాములు (Geeta Prakashan Bookswala's Anthology "Operation Sindhur" in Editorialship of "Dr. Sabbani Laxminarayana")

 

(Geeta Prakashan Bookswala's Anthology "Operation Sindhur" in Editorialship of "Dr. Sabbani Laxminarayana")





       మతం పిచ్చి వద్దు -మానవత్వం ముద్దు 
💐..........................................................💐

ఓ మత ఉగ్రవాదులారా! ఓ మూఢులారా!

బాంబులు పేల్చి భయం కలిగించినా

ప్రేమను మాత్రం నాశనం చేయలేరు 

తుపాకులతో కాల్చి హీరోలేమి కాలేరు 

వీరం అంటే హింస కాదు, సహనం, శాంతి 


మతపిచ్చితో సాధించేది ఏమీలేదు 

మనిషి మతపిచ్చిని వదిలి పెట్టాలి 

ఏ మతం మనిషిని చంపుమని చెప్పదు

శాంతి, సహనం ప్రేమనే కావాలి 

మానవత్వంతో ముందుకు నడువాలి 


ఈ భూమి మీదకువచ్చిన అందరం బంధువులం

ఇక్కడి గాలే అందరం పీల్చుకుంటున్నాం 

ఇక్కడి నీళ్ళే అందరం తాగుతున్నాం

ఇక్కడి సూర్య,చంద్ర వెలుగుల్లోనే అందరం ఉన్నాం 

ఈ భూమిపై శాంతి తోటలో ఆనందంతో విహరించుదాం


మతం పేరుతో మనుషులను చంపుకోవడం ఏమిటి

అడవిలో జంతువులు కూడా న్యాయం పాటిస్తున్నాయి

మనుషులైన మనం కౄరమృగాల్లా మారడమేమి

నమ్మకాలు వేరైనా గమ్యం ఒక్కటే కదా

పద్దతులు వేరైనా పరమాత్మ ఒక్కడే కదా


ప్రపంచంలో  మతం, కులం, జాతిపేరుతో  హింస వద్దు

చిన్న పిల్లల చిరునవ్వుల్లా అందరం కలిసి మెలుగుదాం

రక్తపాతం సృష్టించుకుంటూ పోతే ఎవరం మిగలం

అన్యాయం చేస్తే అంతం అవడం కాయం 

శాంతియుత మానవత సమాజమే అందరికీ ఆవశ్యకం


💐💐💐💐💐💐

©  డా. వాసరవేణి పర్శరాములు 

సింగారం, రాజన్న సిరిసిల్ల, తెలంగాణ, భారత్

94921 93437

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ఆపరేషన్ సింధూర్ - రామగిరి నరేష్ (Geeta Prakashan Bookswala's Anthology "Operation Sindhur" in Editorialship of "Dr. Sabbani Laxminarayana")

 

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       ఆపరేషన్ సింధూర్ 
💐...............................💐

మనిషిగా పుట్టిన నీకు మానవత్వం లేనప్పుడు నీకెందుకురా మతం....

ఈ మారణహోమం. ..

నీ స్వేచ్ఛ.. నీ స్వాతంత్ర్యం నీకిచ్చినప్పుడు

ఇంకెందుకురా మాపై నీకు కుళ్ళుకుతంత్రం....

అడ్డదారిలో వచ్చి.. ఆనందంగా గడిపేవాళ్ళను

మట్టు పెట్టిన నీ మతసారమిదేనా

నీది ఓ బ్రతుకేనా

ఆయుధాలు లేని వారిపైన విరుచుకుపడే                                                  

నీ చాతకానితనానికి మృత్యువాతే    

ఆపరేషన్ సింధూర్                                         

ఇదేరా... భారత్ అంటే ఇదేరా...

మీ భరతం పట్టేమురా...

బ్రతుకుపోరా.. అని ఎన్నిసార్లు మందలించినా మారరారా 

ఓ మృగాల్లారా, పైశాచికత్వానికి చిరునామాల్లా రా....

మీ చర్యకు ప్రతీకార చర్య తప్పదురా..                                             

మతోన్మోదంపై మా పోరాటం తప్పదురా..

అట్టుడికే మా రక్తం మిమ్మల్ని మట్టు పెట్టేదాకా చల్లారదురా                                                                   

 తీవ్రవాదం పై మేమేసే ఉక్కుపాదం...                                 

మిమ్మల్ని ఉక్కిరి బిక్కిరి చేయక తప్పదురా..

ఇంకా...భారిమూల్యం చెల్లించక తప్పదురా...                                

కనికరం ఇక చూపమురా...ఖబర్దార్. .ఖబర్దార్ ! 

భారత మాతకి జై...భారత్ మాతకి జై !


💐💐💐💐💐💐

©  రామగిరి నరేష్

ధర్మపురి

89856 54815


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प्रकृति - जुबेर हवालदार (Geeta Prakashan Bookswala's Anthology "ऑपरेशन सिंदूर की शौर्यगाथा")

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